sidhbali mandir kotdwar- यह मन्दिर न केवल हिन्दू-सिक्ख धर्मावलंबियों का है अपितु मुसलिम लोग भी यहां मनौतियां मांगने आते हैं। मनोकामना पूर्ण होने पर श्रद्धालु लोग दक्षिणा तो देते हैं ही यहां भंडारा भी आयोजित करते हैं। यहां हर मंगलवार और शनिवार को भंडारा होता है। पर भंडारा कराने के लिए अगले आठ नौ सालों के लिए भक्त बुकिंग करा चुके होते हैं। इस स्थान पर कई अन्य ऋषि मुनियों का आगमन भी हुआ है।
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Sidhbali Mandir Kotdwar सिध्बली मंदिर कोटद्धार
कोटद्धार समुद्र तल से 600 मीटर के लगभग उंचाई पर है ।
यह स्थान तीन तरफ से वनों से ढका हुआ बड़ा रमणीक है।
सड़क से मंदिर तक पहुंचने के लिए खोह नदी पर पुल बना हुआ है।
गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार कस्बे से कोटद्वार-पौड़ी राजमार्ग पर लगभग तीन किलोमीटर आगे लगभग 40 मीटर ऊंचे टीले पर स्थित है गढ़वाल प्रसिद्ध देवस्थल सिद्धबली मन्दिर।
यह हनुमान जी का एक पौराणिक मन्दिर है। इस मंदिर में आने वाले साधकों को अप्रतिम शांति की अनुभूति होती है।
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Sidhbali Mandir Kotdwar सिध्बली मंदिर स्थापित करने के पीछे की कथा
सिध्बली मंदिर की स्थापना के बारे में यह कहा जाता है कि इस स्थान पर तप साधना करने के बाद सिद्ध बाबा को हनुमान जी की सिद्धि प्राप्त हुई थी | सिद्ध बाबा ने यहाँ बजरंगबली की एक विशाल पाषाणी मूर्ति का निर्माण किया था | इसके बाद इस जगह का नाम सिध्बली पड़ गया अर्थात सिद्धबाबा द्वारा बजरंगबली की मूर्ति स्थापित की गयी थी |
यह भी कहा जाता है कि बाद के ब्रिटिश शासन काल के दौरान एक खान मुस्लिम अधिकारी अपने घोड़े से कहीं जा रहे थे , जैसे ही वह सिद्धबली के पास पहुँचे तो वह बेहोश होकर गिर गये और उनको स्वपन हुआ कि सिद्धबली की समाधि पर मंदिर की स्थापना की जायें । जब वह होश में आये तो उन्होंने आसपास के लोगों को अपने स्वपन के बारे में बताया । फिर तभी यहां पर लोगो ने भव्य मन्दिर बनवाया । पहले यह एक छोटा सा मन्दिर था । प्राचीन और शक्ति की महत्वता के कारण श्रद्धालुओं ने मंदिर को भव्यता प्रदान कर दी है।
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